नमस्कार दोस्तों आप सबको पता ही होगा कि भारत की राजधानी दिल्ली को स्वच्छ बनाया जा रहा है भारत सरकार की थी भूल से मिले वापस से छीनी जा रही हो उन लोगों से जिन्होंने प्यार कानूनी कब्जा कर रखा है सरकारी जमीन पर।
आपने न्यूज़ देखी होगी इतनी एनसीआर की जहां पर गुड़गांव नोएडा और दिल्ली के अंदर जगह-जगह JCB चलाई जा रही है गरीबों के घर तोड़े जा रहे हैं कई लोगों को रास्ते पर लाया जा रहा है गरीब की रेडी को तोड़ा जा रहा है
जो फल बेचते हैं उनके फल जमीन पर गिरा दिए जा रहे हैं जो सब्जियां बेचते हैं उनकी सब्जियों को रौंद दिया जा रहा है समस्या का समाधान निकालने की बजाय समस्या को और ज्यादा बढ़ाया जा रहा है।
यह वही रेडी वाले लोग होते हैं जो मंडी से सब्जियों को गली-गली तक पहुंचा करते हैं और सब्जियों के दाम बड़े सस्ते दाम करके बेचा करते हैं और लोगों को भी सही लगता है कि सस्ते दाम में सब्जी और फल मिल रहे हैं तो हमें खरीद लेने चाहिए परंतु अब ऐसा नहीं होगा क्योंकि अब रेडियो पर फल और सब्जी आपको नहीं मिलेगी क्योंकि रेडियो को अब दिल्ली में नहीं चलने दिया जाएगा क्योंकि दिल्ली की एमसीडी या फिर भारत सरकार ऐसा नहीं होने देगी या हम सीधी सीधी शब्दों में कहीं की भाजपा सरकार ऐसा नहीं होने देगी।
कई लोग ऐसे भी हैं जिनको एक बार समझाया गया लेकिन वह नहीं माने और दोबारा उसी जगह पर रेडी लगे ऐसे लोगों की रेडी तोड़ी गई यह आपत्तिजनक बात नहीं है क्योंकि यहां पर आप उसको समझते हो गरीब को और फिर उसके सामान को तोड़ते हो परंतु तोड़ना क्या सही समाधान है क्या आप उसको धमका के भाग नहीं सकते थे डरा धमका देते उसको तो शायद गरीब डर जाता है परंतु उसकी रोजी-रोटी को ही छीन लिया।
अब अगर आप देखेंगे जो दुकानदार जैसे की बड़ी-बड़ी दुकान होती है Reliance Fresh, Flipkart fresh, या फिर कोई भी फल और सब्जियों की दुकान अब यहां के लोगों के जो सब्जियों के दाम होते हैं वह बहुत ज्यादा बढ़ चुके हैं।
क्योंकि इन दुकानदारों को पता है कि आप खाना तो खाएंगे सब्जी तो खरीदेंगे यहां से नहीं तो वहां से इसलिए दम इन्होंने बढ़ा दिए क्योंकि इनको पता है आपकी मजबूरी की आप मंडी से सब्जी नहीं खरीद सकते और जो लोग मंदी चल भी जाए तुमको यह पता है की गली में कोई रेडी वाला नहीं आएगा या बाहर दुकानों पर कोई रेडी वाला नहीं मिलेगा तो सब्जी तो उनको सस्ते में नहीं मिलेगी इसलिए जितना लूट सकते है लुट लो।
लेकिन भारत सरकार इस बढ़ती हुई महंगाई के ऊपर कुछ नहीं बोलेगी बल्कि वह और ज्यादा खुश होगी और महंगाई को और ज्यादा बढ़ाने की कोशिश करेगी भारत सरकार को खुशी होगी कि नीच जाति के लोग और गरीब लोग जो सड़कों पर घूमते हैं वह दिल्ली से हट जाएं।
यदि आप लोगों को याद हो तो प्रधानमंत्री जब नेता बने थे तब उन्होंने कहा था कि मैं चाय बेचा करता था और जो लोग कहते हैं कि रोजगार भारत में नहीं है तो उन्होंने एक उदाहरण दिया था बड़ी कॉरपोरेट कंपनी के सामने जो रेडी लगाकर पकोड़े बेचता है वह पकोड़े बेचने वाला एंटरप्रेन्योर है वह अपना खुद का व्यापार चल रहा है।
परंतु आज की वहीं प्रधानमंत्री हैं जो कहते हैं अब मुझे व्यापारियों से समस्या है इसलिए आप पकोड़े भी नहीं भेज सकते कुल मिलाकर आप अच्छे से बेरोजगार हो जाओ अपने गांव चले जाओ और दिल्ली में यदि घर है तो कमाने का मौका भूल जाओ।
कुल मिलाकर भाजपा सरकार सिर्फ इतना कहना चाहती है कि यदि आपकी जेब में पैसा है रुपया है तो आप मुझसे बात करने का हक रखते हो अन्यथा आप चुपचाप मेरे गुलाम बनकर जियो क्योंकि आप वही हक रखते हो क्योंकि भारत में अब सरकारी नौकरी तो बची नहीं, जीडीपी के ऊपर बात होती नहीं और यदि किसी महिला के साथ जबरदस्ती हो तो उसका कि दबा दिया जाता है आवाज कोई उठाता नहीं
बाकी इतना तो मैं अवश्य समर्थन देना चाहूंगा जो सरकारी जमीन होती थी वहां पर जो गैर कानूनी मकान बने उन मकानों को तोड़ने का काम काफी अच्छा है परंतु जिस इंसान ने उनका मकान बेच जिस इंसान ने घपला किया उसे इंसान को भाजपा सरकार में छोड़ दिया उसे इंसान को तो भाजपा सरकार ने पकड़ा ही नहीं।
आज से 2 साल पहले जब यमुना में बाढ़ आई और यमुना के लोग की चिक अमृत मांग रहे थे कि हमें बचाओ तब केजरीवाल सरकार ने कहा था कि आपके घर गैरकानूनी है आपको जमीन को कैसे बेची गई यह जमीन पहले से ही यमुना मैया की थी और यमुना मैया सिर्फ अपना रास्ता वापस लेने आई है यमुना आपके घर के बीच में नहीं आई बल्कि आपका घर यमुना नदी के बीच में आया है।
उसे समय समझ में आता है कि भाजपा सरकार पक्ष में नहीं थी विपक्ष में केजरीवाल खड़े थे मुख्यमंत्री के रूप में परंतु अब भाजपा की खुद की सरकार दिल्ली के अंदर है और अभी भी उन्होंने ऐसा कोई कार्य नहीं किया जिससे लोगों को संतुष्टि हो।
भाजपा सरकार ने घर तोड़े गैरकानूनी जमीन के ऊपर यह अच्छा किया परंतु जिसने यह कार्य किया जिस शख्स ने सरकारी जमीन को गैर कानूनी रूप से बचने की हिम्मत कि उसे इंसान को भाजपा ने अभी तक पकड़ने का सोचा ही नहीं ऐसा लगता है कि मानव भाजपा सरकार ही उन प्रौद्योगियों को पड़ती है और कहती है घर भेजो और जब पैसा अंदर हो जाए तब कहती है कि घर तोड़ दो।
आपकी क्या राय लगती है मुझे बताओ नीचे मैसेज बॉक्स में हम इसके ऊपर बात करेंगे अलग-अलग लोगों की अलग-अलग राय हो सकती है हो सकता है कहीं पर मैं गलत परंतु आपको क्या लगता है अवश्य हमें बताएं सोने और समझने का मौका मिलेगा और दूसरे लोगों को प्रोत्साहन या फिर मैं कहूं की हिम्मत मिलेगी क्योंकि आपकी सोच अनिवार्य है जागरूक नागरिक होने के लिए धन्यवाद।
जय हिंद जय भारत